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24 Aug 2017 · 1 min read

मेरी गुड़िया

?????
आफत की पुड़िया, है मेरी गुड़िया,
हरदम करती है शैतानी।
बात किसी की कभी न सुनती,
करती वही जो मन में ठानी।
?????
भोली-भाली नादां है ये
दुनिया से बिल्कुल अनजानी।
ना कुछ सोचे, ना कुछ समझे,
यह करती रहती है मनमानी।
?????
खिल-खिल कर हँसती रहती है,
कभी भर लाये आँखों में पानी।
मीठी-मीठी मिश्री- सी है बोली,
बातों में तो है सबकी ये नानी।
?????
नटखट, चुलबुल प्यारी-प्यारी,
परियों जैसी है मेरी रानी।
मन हर्षाती मुझे लुभाती,
चाँद सी सुन्दर मेरी भवानी।
?????
तन कोमल तितली सी,
मन निश्छल पावन रूहानी।
हर पल नई शरारत उसकी,
लगती है मनभावन सुहानी।
?????
—लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

2 Likes · 2 Comments · 769 Views
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