Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2017 · 1 min read

आपकी बेवफाई

जरा सी बात पर आपको
क्यों इतना गुस्सा आया,
यकीन था हमें आपकी वफा पे
फिर क्यों हमें रुला दिया ।
आपको गर हमसे कोई शिकवा था
आप हमें हाल-ए-दिल बता देते,
मगर यों रुठ कर हमसे दूर जाकर
हमें छोड़ जाने की सजा तो न देते ।
अरमान थे हमारे दिल में
आपको अपना हमसफर बनायेंगे,
लेकिन पता न था अरमानों को आप
इस कदर कुचल कर चले जायेंगे ।
न जाने अब कैसे जी पायेंगे
बगैर आपके इस जहाँ में,
जो नफ्स लेते थे आपके लिए
उस नफ्स को छीन लिया आपने ।
जी भर चुका है मेरा
अब तो मौत ही है एक सहारा,
इतनी मेहरबानी कीजिए हम पर
कि निकले अब हमारा जनाजा।

Language: Hindi
Tag: शेर
442 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
■ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कविता...
■ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कविता...
*Author प्रणय प्रभात*
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
ओसमणी साहू 'ओश'
सोचा होगा
सोचा होगा
संजय कुमार संजू
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
मकसद कि दोस्ती
मकसद कि दोस्ती
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"मुस्कान"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त थमा नहीं, तुम कैसे थम गई,
वक्त थमा नहीं, तुम कैसे थम गई,
लक्ष्मी सिंह
जनता को तोडती नही है
जनता को तोडती नही है
Dr. Mulla Adam Ali
नया ट्रैफिक-प्लान (बाल कविता)
नया ट्रैफिक-प्लान (बाल कविता)
Ravi Prakash
हिदायत
हिदायत
Bodhisatva kastooriya
शब्द कम पड़ जाते हैं,
शब्द कम पड़ जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
(15)
(15) " वित्तं शरणं " भज ले भैया !
Kishore Nigam
तू ठहर चांद हम आते हैं
तू ठहर चांद हम आते हैं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
" बस तुम्हें ही सोचूँ "
Pushpraj Anant
रात का आलम किसने देखा
रात का आलम किसने देखा
कवि दीपक बवेजा
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
Sanjay ' शून्य'
कह दो ना उस मौत से अपने घर चली जाये,
कह दो ना उस मौत से अपने घर चली जाये,
Sarita Pandey
हथिनी की व्यथा
हथिनी की व्यथा
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-172💐
💐प्रेम कौतुक-172💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2467.पूर्णिका
2467.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
बुद्ध फिर मुस्कुराए / MUSAFIR BAITHA
बुद्ध फिर मुस्कुराए / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
समूह
समूह
Neeraj Agarwal
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
** हद हो गई  तेरे इंकार की **
** हद हो गई तेरे इंकार की **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
हम गैरो से एकतरफा रिश्ता निभाते रहे #गजल
हम गैरो से एकतरफा रिश्ता निभाते रहे #गजल
Ravi singh bharati
Loading...