Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2017 · 1 min read

आंसू

आंसू

हृदय की घनीभूत पीड़ा का, अद्भुत अहसास हैं आंसू।
बीती कटु और मधुर स्मृतियां लाते पास हैं आंसू।

करुण कलित असहनीय विरह का विकल राग हैं आंसू।
प्रिय की चाह में अनंत असीम वेदना की लाग हैं आंसू।

होकर आकुल व्याकुल विहल्ल बहुत बिलखते हैं आंसू।
रो रोकर सिसक सिसककर,बेकल राह तकते हैं आंसू।

निकलकर चुपचाप आंखों से झरने सम बहतें हैं आंसू।
मौन हो ये झरते मोतियों की तरह,पर कुछ नहीं कहते आंसू।
निकाल देते दिल में छिपे अवसाद को हैं ये आंसू।
बोझिल दिल को हरपल करते हैं हल्का ये आंसू।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
506 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्र अपना
उम्र अपना
Dr fauzia Naseem shad
!! मुरली की चाह‌ !!
!! मुरली की चाह‌ !!
Chunnu Lal Gupta
पद्मावती छंद
पद्मावती छंद
Subhash Singhai
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
मययस्सर रात है रोशन
मययस्सर रात है रोशन
कवि दीपक बवेजा
★दाने बाली में ★
★दाने बाली में ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
महंगाई के आग
महंगाई के आग
Shekhar Chandra Mitra
■ तज़ुर्बे की बात...
■ तज़ुर्बे की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
अगर प्यार  की राह  पर हम चलेंगे
अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे
Dr Archana Gupta
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Dr. Man Mohan Krishna
धनवान -: माँ और मिट्टी
धनवान -: माँ और मिट्टी
Surya Barman
नानी का घर (बाल कविता)
नानी का घर (बाल कविता)
Ravi Prakash
3264.*पूर्णिका*
3264.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*होय जो सबका मंगल*
*होय जो सबका मंगल*
Poonam Matia
हसदेव बचाना है
हसदेव बचाना है
Jugesh Banjare
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
Anis Shah
बेवजह यूं ही
बेवजह यूं ही
Surinder blackpen
*याद  तेरी  यार  आती है*
*याद तेरी यार आती है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐अज्ञात के प्रति-125💐
💐अज्ञात के प्रति-125💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
Ms.Ankit Halke jha
मैं पढ़ता हूं
मैं पढ़ता हूं
डॉ० रोहित कौशिक
पुलवामा वीरों को नमन
पुलवामा वीरों को नमन
Satish Srijan
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
Shashi kala vyas
अपना भी एक घर होता,
अपना भी एक घर होता,
Shweta Soni
"जेब्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
करनी होगी जंग
करनी होगी जंग
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
Loading...