Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2016 · 1 min read

अदालत मे खुदा होगा

जलाल उल्लाह जब रोजे कयामत पर खड़ा होगा
ना जाने हम गुनहगारो का उस दम हाल क्या होगा||

करेंगे नॅफ्सी-नॅफ्सी और जितने भी है पेगेम्बर
मोहम्मद लेकर जब झंडा सिफायत का खड़ा होगा ||

इलाही करबला का खून जब ख़ातून मागेगी
क्या मालूम उस घड़ी उस पल क्या माजरा होगा||

कयामत आएगी एक दिन ज़मीं और आसमाँ ऊपर
मोहब्बत तख्त पर होगे अदालत मे खुदा होगा ||

Language: Hindi
358 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमेशा तेरी याद में
हमेशा तेरी याद में
Dr fauzia Naseem shad
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
मैं तो इंसान हूँ ऐसा
मैं तो इंसान हूँ ऐसा
gurudeenverma198
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
umesh mehra
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
💐प्रेम कौतुक-382💐
💐प्रेम कौतुक-382💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
Buddha Prakash
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
अंधभक्ति
अंधभक्ति
मनोज कर्ण
"पकौड़ियों की फ़रमाइश" ---(हास्य रचना)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
चार लाइनर विधा मुक्तक
चार लाइनर विधा मुक्तक
Mahender Singh
Living life now feels like an unjust crime, Sentenced to a world without you for all time.
Living life now feels like an unjust crime, Sentenced to a world without you for all time.
Manisha Manjari
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
Sûrëkhâ Rãthí
बाँकी अछि हमर दूधक कर्ज / मातृभाषा दिवश पर हमर एक गाेट कविता
बाँकी अछि हमर दूधक कर्ज / मातृभाषा दिवश पर हमर एक गाेट कविता
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
जानते वो भी हैं...!!
जानते वो भी हैं...!!
Kanchan Khanna
"शाश्वत"
Dr. Kishan tandon kranti
ना जाने कौन से मैं खाने की शराब थी
ना जाने कौन से मैं खाने की शराब थी
कवि दीपक बवेजा
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
मेघ गोरे हुए साँवरे
मेघ गोरे हुए साँवरे
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल/नज़्म - न जाने किस क़दर भरी थी जीने की आरज़ू उसमें
ग़ज़ल/नज़्म - न जाने किस क़दर भरी थी जीने की आरज़ू उसमें
अनिल कुमार
तन्हा क्रिकेट ग्राउंड में....
तन्हा क्रिकेट ग्राउंड में....
पूर्वार्थ
खुद की तलाश
खुद की तलाश
Madhavi Srivastava
कोहरा
कोहरा
Ghanshyam Poddar
"
*Author प्रणय प्रभात*
मैं तो महज बुनियाद हूँ
मैं तो महज बुनियाद हूँ
VINOD CHAUHAN
तिरंगा
तिरंगा
लक्ष्मी सिंह
मन मंदिर के कोने से
मन मंदिर के कोने से
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*सावन आया गा उठे, मौसम मेघ फुहार (कुंडलिया)*
*सावन आया गा उठे, मौसम मेघ फुहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...